गाज़ियाबाद में अब बुखार, खांसी, जुकाम और सांस की तकलीफ आदि की दवाई खरीदने वालों को अपना पूरा विवरण मेडिकल स्टोर के संचालकों को देना होगा। दरअसल स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के मरीजों को ट्रेस करने के लिए अपनी गतिविधियां तेज़ कर दी हैं। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि कोरोना संक्रमित स्पष्ट लक्षणों के बावजूद भी अपने टेस्ट नहीं करा रहे हैं और सीधे केमिस्ट से दवाइयाँ लेकर काम चला रहे हैं।
जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय के आदेश पर जिला औषधि निरीक्षक ने इस संबंध में मेडिकल स्टोर संचालकों को सख्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस बारे में केमिस्ट एसोसिएशन को भी अलग से एक पत्र जारी किया गया है। इसके साथ ही मेडिकल स्टोर पर दवाओं की रेट लिस्ट टांगने के भी निर्देश जारी किए गए हैं।
औषधि निरीक्षक अनुरोध कुमार ने बताया कि एक अगस्त से 21 नवंबर के बीच मेडिकल स्टोर से बुखार की दवा खरीदने वाले 21,966 लोगों की निगरानी करने पर पाया गया कि हालत खराब होने पर भी वे कोरोना की जांच नहीं करा रहे हैं। इनमें से 5,234 की कोरोना जांच कराई गई तो 1,213 संक्रमित पाए गए। इनमें से 32 को गंभीर स्थिति में कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है।
पता चला है कि विगत एक महीने से मेडिकल स्टोर संचालकों ने बुखार आदि की दवा खरीदने वालों का विवरण देना कम कर दिया है। इसका एक कारण मौसम में आया बदलाव भी हो सकता है क्योंकि अक्सर सर्दियाँ शुरू होते समय जुकाम, खांसी और बुखार आदि बीमारियाँ आम हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अब मेडिकल स्टोर संचालकों पर सख्ती बरती जा रही है। बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवा खरीदने वाले हर व्यक्ति का नाम, पता, मोबाइल नंबर देना अनिवार्य कर दिया गया है।
अनुरोध कुमार ने बताया कि लापरवाही बरतने के आरोप में अब तक तीन मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निरस्त किए जाने की संस्तुति कर दी गई है। सात को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। दस टीमें गठित करते हुए रोज औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। मेडिकल स्टोर पर बिकने वाली दवाओं की गुणवत्ता पर भी निगरानी रखी जा रही है।
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