हम सब समस्त देशवासियों को एक सकारात्मक सोच के साथ एक विचार करना चाहिए आजकल की कुछ कुरीतियों जो पहले फॉरेन कंट्री में थी वह हमारे देश में प्रवेश कर चुकी हैं समस्त बच्चों को और माता-पिता को इसका पता ही नहीं चल रहा कि वह उन कृतियों में फंस चुके हैं।
उनको मैं छोटे शब्दों में दो पॉइंट में लिख रहा हूं कृपया समझिएगा सहयोग कीजिएगा समस्त छोटे मेरे भाई बहन मित्र यार दोस्त और सीनियर सिटीजंस इन सबके हित के लिए एक विचार मेरे मन का है , इसको मानना ना मानना वह आपका विवेक कार्य या कर्म होगा।
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1. आजकल के बच्चे हाई एजुकेशन के लिए दुसरे देश में जा रहे हैं। और उनके माता-पिता यहीं इसी देश में उनका इंतजार करते रहते हैं और वह कब चले जाते हैं उन कमरों में ना बेटे को पता होता है ना पड़ोसी को पता होता है यह बहुत दुखद है इसके साथ-साथ जो यहां भी रह रहे हैं वह भी संयुक्त फैमिली की जगह अब इंडिविजुअल रहने लगे हैं तो वह भी अपने माता-पिता को तकरीबन छोड़ देते हैं या फिर उन्हें अनाथ आश्रम में भरती करा देते हैं और फिर उनके शुद्ध नहीं लेते हैं, इस पर भी हमें विचार करना चाहिए क्योंकि कल हम सबको भी वही पहुंचना है।
एक कहावत हैं, की जली हुई लकड़ी हमेशा जलकर पीछे आती है...!!?
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2. जिस प्रकार से नाबालिग बच्ची तथा बच्चो को ,कोई स्कूटर/स्कूटी/मोटर बाइक या कार चलाने पर उसके अभिभावकों पर कार्यवाही की जाती है।
उसी प्रकार बच्चों के विवाह में दोनो के माता पिता की सहमति के बगैर विवाह को मान्यता ना देने का कानून बनाया जाए।
यह एक तरह का नकारात्मक जहर, जो समाज मे रह रहे अन्य सामाजिक कृतियों का प्रभाव समाज के सभी देश वासियों के व्यक्तित्व में पड़ रहा है।
इस पर हम सबको मिलकर सोचना होगा आखिर हम सब जाना कहां चाहते हैं।
हम संयुक्त परिवार से अलग होकर एकल फैमिली बने और अब जो हमारा समाज का ताना बाना बुना हुआ था उसको भी हम सब खत्म करते जा रहे हैं।
भगवान के वास्ते, हमें अब कही तो रुकना चाहिए....🙏
बाकी विचार हम सबको करना है, हम सब इसे और अच्छा केसे कर सकते हैं ,जो सबके हित में रहे उस पर ध्यान दीजिए धन्यवाद🙏
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