उत्तर प्रदेश योगी सरकार शहर की सड़कों पर वाहनों के दबाव को कम करने के लिए सिटी ट्रांसपोर्ट की बेहतर सुविधा लोगों को उपलब्ध कराने जा रही है। इसका किराया तो कम होगा ही। साथ ही जरूरत के आधार पर सुविधाएं भी तुरंत मिलेंगी। इतना ही नहीं पैदल चलने या फिर सड़क पार करने के लिए पाथ-वे, सब-वे और अंडर पास की भी जरूरत के आधार पर बेहतरीन और आधुनिक सुविधाएं लोगों को दी जाएंगी।
प्रमुख सचिव नगर विकास दीपक कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार ने हमारे प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है। अब इसके लिए विस्तृत प्लान तैयार कराते हुए इस पर काम किया जाएगा। प्रदेश के 13 शहरों में सबसे पहले यह सुविधा दी जाएगी। सरकार ने शहरी लोगों को मेट्रो रेल के अलावा ट्रांसपोर्ट के अन्य दूसरे बेहतर विकल्प उपलब्ध कराने के लिए अर्बन मोबिलिटी इंडिया योजना शुरू की है। प्रदेश के नगर विकास विभाग ने केंद्र सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा था। केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूर कर दिया है। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अधीन निदेशक सी. उप्पीली ने नगर विकास विभाग को पत्र भेज दिया है। इसके आधार पर अब शहरों में ट्रांसपोर्ट की बेहतर सुविधा देने के लिए ‘कंप्रेंस्हिव मोबिलिटी प्लान’ तैयार कराया जाएगा।
केंद्र सरकार की इस योजना के तहत प्रदेश के 13 शहरों को जो सुविधाएं दी जाएंगी। उनमें यातायात की सुविधाएं होंगी। इसमें सार्वजनिक बाइक शेयरिंग, बस रैपिड ट्रांजिड यानी बीआरटी के लिए बस कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसके साथ ही साइकिल चलाने के लिए साइकिल ट्रैक, पैदल चलने वालों के लिए पाथ-वे, सब-वे और अंडर पास की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। नगर विकास विभाग ये सभी काम निजी भागीदारी से भी करा सकेगा। इसके अलावा इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम, शहरी माल प्रबंधन, परिवहन प्रणालियों के लिए वित्तपोषण की स्थापना, सार्वजनिक परिवहन के लिए हाइब्रिड, इलेक्ट्रिक ईंधन वाले वाहन चलाने पर विचार किया जाएगा।
शुरुआत में जिन शहरों में यह सुविधाएं शुरू की जा रही हैं हैं उनमें बरेली, सहारनपुर, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, अलीगढ़, गाजियाबाद, झांसी, लखनऊ, कानपुर, आगरा, मथुरा, प्रयागराज और मेरठ शामिल हैं।
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