उत्तर प्रदेश में 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल 19 अक्तूबर से खुल रहे हैं।उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के बीच स्कूलों के संचालन के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इन दिशा निर्देशों का पालन अभिभावकों और स्कूल प्रशासन दोनों को करना होगा। शनिवार देर शाम यूपी के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि दिशा निर्देशों के अंतर्गत स्कूलों को स्कूल खोलने के लिए अभिभावकों से लिखित सहमति लेनी होगी कि वह अपने बच्चे को स्कूल भेजने को तैयार हैं या नहीं।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि कन्टेनमेंट जोन में किसी भी क्लास का कोई स्कूल नहीं खुलेगा। सभी स्कूलों को दो पालियों में चलाया जाएगा। पहली पाली में कक्षा 9 व 10 और दूसरी पाली में कक्षा 11 व 12 के विद्यार्थियों को बुलाया जाए। एक दिन में एक कक्षा के अधिकतम 50 प्रतिशत तक विद्यार्थियों को ही बुलाया जा सकेगा। शेष विद्यार्थियों को दूसरे दिन बुलाया जाएगा। विद्यालय में उपस्थिति के लिए लचीला रुख अपनाया जाएगा और किसी भी विद्यार्थी को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
डॉ. शर्मा ने निर्देश दिए हैं कि ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी। स्कूल बुलाने में उन विद्यार्थियों को प्राथमिकता पर रखा जाए, जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है। यदि विद्यार्थी घर पर रहते हुए ऑनलाइन पढ़ाई करना चाहें तो यह सुविधा उन्हें दी जाए।
क्लास में बच्चों को एक दूसरे से कम से कम छह फुट की दूरी पर ही बैठाया जा सकेगा। हर पाली के बाद स्कूल सैनिटाइज किया जाएगा। स्कूलों में सैनेटाइजर, हैण्डवाश, थर्मल स्कैनिंग व प्राथमिक उपचार की व्यवस्था होगी। यदि किसी विद्यार्थी, शिक्षक या अन्य कर्मचारी को खांसी, जुखाम या बुखार के लक्षण होंगे तो उन्हें प्राथमिक उपचार देते हुए घर वापस भेज दिया जाएगा। प्रवेश व छुट्टी के समय गेट पर सोशल डिसटेंसिंग का पालन करवाया जाएगा। एक साथ सभी विद्यार्थियों की छुट्टी नहीं की जाएगी। स्कूलों में यदि एक से अधिक प्रवेश द्वार हैं तो उनका उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। स्कूल बस या वैन आदि को भी रोज सैनिटाइज करवाया जाएगा। विद्यालय प्रबन्धन द्वारा अतिरिक्त मात्रा में मास्क उपलब्ध रखे जाएंगे।
स्वास्थ्य, स्वच्छता व अन्य सुरक्षा प्रोटोकाल के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है, जो माध्यमिक शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों व जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिया है कि वे स्कूलों का नियमित निरीक्षण करें।