Friday, October 9, 2020

सिर्फ दिल्ली में ही बाबा का ढ़ाबा नहीं है

सिर्फ दिल्ली में ही बाबा का ढ़ाबा नहीं है,आपके आसपास हर गली नुक्कड़ पर कोई एक बाबा अपनी बूढ़ी ऑंखों में पानी समेटे और कंधों पर परिवार के लिये रोटी जुटाने का भार लिये बैठा है, घर से निकलिये तो एैसे लोगों पर नज़र रखिये और उनसे कुछ न कुछ ज़रूर ख़रीदिये !

No comments:

Post a Comment

जान से बढ़कर है क्या रील!

उत्तर प्रदेश पुलिस को कड़ा कदम उठाना पड़ेगा इन रीलबाजों के खिलाफ ,ऐसे काम नहीं चलेगा क्योंकि चालान करने से इन पर फर्क नहीं पड़ता ,कोर्ट में...