गाजियाबाद में कंटेनमेंट जोन के बाहर सभी इलाके के लोगों को कोरोना से जागरूक करने और संक्रमित व्यक्तियों की पहचान करने के लिए हर घर पर दस्तक योजना की शुरुआत जिला अधिकारी ने की है.
उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के जिला अधिकारी अजय शंकर पांडे ने कोरोना वायरस से लोगों को सचेत करने और लक्षण वाले मरीजों की पहचान करने के लिए हर घर पर दस्तक योजना शुरू की है. कंटेनमेंट जोन में 100% सर्विलांस का शासनादेश है, लेकिन कंटेनमेंट जोन के बाहर सभी इलाके के लोगों को जागरूक करने और संक्रमित व्यक्तियों की पहचान करने के लिए हर घर पर दस्तक योजना जिला अधिकारी की नई पहल है.
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए दो तरह की रणनीति के तहत कार्रवाई की जा रही है, जिसमें सबसे पहले कंटेनमेंट जोन है. इनमें कोरोना वायरस केस निकलते हैं, तो उसे इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाता है. ऐसे कंटेनमेंट जोन के लिए लगभग 470 सर्विलांस टीमें लगाई गई हैं. अब तक सर्विलांस टीम द्वारा 37,374 परिवार और 1,81,885 व्यक्तियों का सर्वेक्षण किया जा चुका है, जिसमें 21 कोरोना के लक्षण वाले लोगों की पहचान की गई है.
दूसरा, जनपद गाजियाबाद ऐसा पहला जिला है जहां पर कंटेनमेंट जोन के बाहर भी सघन जागरूकता सर्वेक्षण अभियान शुरू किया गया था. गैर कंटेनमेंट जोन में बूथ लेवल ऑफिसर की ड्यूटी इस काम के लिए लगाई गई है. घर-घर जाने के साथ-साथ बूथ लेवल ऑफिसर उसको मोबाइल के माध्यम से भी अपने क्षेत्र के निवासियों से संपर्क करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा गाजियाबाद के ग्रामीण इलाकों में जिला प्रशासन द्वारा 161 निगरानी समितियों और शहरी क्षेत्र में 286 निगरानी समितियों का गठन किया गया है. साथ ही गाजियाबाद में कोरोना वायरस से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए 75 हेल्प डेस्क सक्रिय हैं.
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