सुधीर कुमार मक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा का एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया है। गोल्डन बाबा गंभीर बीमारी के कारण 18 मई से एम्स में भर्ती थे। 30 जून की रात 9:53 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वह पंचदशनाम जूना अखाड़ा, बरेली के महंत थे। कांवड़ यात्रा में 20 किलो तक सोना पहनकर निकलने के कारण बाबा चर्चित थे।
गोल्डन बाबा का अंतिम संस्कार पूर्वी दिल्ली के गीता कॉलोनी श्मशान घाट पर थोड़ी देर में किया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर श्मशान घाट पर पहुंच गया है। इस मौके पर उनके चाहने वाले कई लोग श्मशान घाट पर पहुंच गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, वह पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर में रह रहे थे। गांधीनगर के अशोक गली में गोल्डन बाबा का आश्रम है। गोल्डन बाबा लंबे समय से बीमार चल रहे थे और वह एम्स में भर्ती थे। गोल्डन बाबा यूपी के गाजियाबाद जिले के मूल निवासी थे।
गोल्डन बाबा को सोना पहने का शौक था
बताया जाता है कि बाबा बनने से पहले गोल्डन बाबा का दिल्ली में गारमेंट्स का कारोबार था। उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज थे। लोग बताते हैं कि वह अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए ही संन्यासी जीवन जी रहे थे। गोल्डन बाबा के बारे में कहा जाता है कि वह सोने पहनने का बड़ा शौक था। वह सोने को अपना देवता मानते थे। वह अपने हाथों की सभी उंगलियों में सोने की अंगूठी पहनने थे। बाबा के शरीर में कई किलो सोना रहता था। उनके सुरक्षा में गार्ड तैनात रहते थे।
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