Saturday, June 6, 2020

राजधानी के अस्पतालों में बाहरियों का इलाज नहीं

'राजधानी के अस्पतालों में बाहरियों का इलाज नहीं', क्या अब अपने ही देशवासियों के लिए दूर हो जाएगी दिल्ली?

दिल्ली सरकार की एक कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगर देशभर से लोग इलाज कराने दिल्ली आने लगे तो तीन दिन में ही अस्पताल भर जाएँगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि राजधानी के अस्पतालों में केवल दिल्ली के निवासियों को ही सुविधाएं दी जानी चाहिए।

राजधानी दिल्ली में कोरोना मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच कई ऐसे मामले भी सामने आए जिनमें लोगों ने अस्पतालों में बेड न मिलने की बात कही। अब दिल्ली सरकार की एक कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि राजधानी के अस्पतालों में केवल यहां के निवासियों को ही सुविधाएं दी जाएं नहीं तो तीन दिन के भीतर सभी अस्पताल भर जाएंगे। इस कमिटी में पांच डॉक्टरों को शामिल किया गया था। देश की राजधानी में देशभर से आकर लोग रहते हैं। लॉकडाउन के बाद भी बहुत सारे लोग अपने गृह राज्य वापस नहीं जा पाए हैं और बहुत सारे लोग परिवार के साथ किराए पर रहते हैं। अगर दिल्ली सरकार कमिटी की रिपोर्ट पर अमल करती है तो दिल्ली के लोगों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी।
दिल्ली सरकार की एक कमिटी ने सुझाव दिया है कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर शहर के स्वास्थ्य ढांचे का इस्तेमाल केवल राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों के उपचार में होना चाहिए । सूत्रों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी है । डॉ. महेश वर्मा के नेतृत्व वाली कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कहा गया है कि अगर दिल्ली का स्वास्थ्य ढांचा बाहर के लोगों के लिए खुला रहा तो तीन दिन में सारे बेड भर जाएंगे। कमिटी की रिपोर्ट पर कल दिल्ली कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। इसमें कुछ फैसले लिए जा सकते हैं। शुक्रवार को दिल्ली में संक्रमित लोगों की संख्या 26,000 को पार कर गई है।

दिल्ली में पहले ही लोगों को मिल गई थी छूट
लॉकडाउन चार में दिल्ली में काफी छूट दे दी गई थी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि लॉकडाउन में राजधानी को ज्यादा दिन नहीं रखा जा सकता। उन्होंने दावा किया था कि दिल्ली कोरोना से लड़ने के लिए तैयार है और राजधानी के अस्पतालों में पर्याप्त बेड हैं। हालांकि लॉकडाउन में ढील के बाद ही कोरोना संक्रमण के मामले रेकॉर्ड तोड़ने लगे। अब ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें मरीजों को अस्पताल में एंट्री न दिए जाने की बात कही जा रही है।

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