Monday, July 20, 2020

गाज़ियाबाद, पिछले कई दिनों से नहीं हुई एक भी मौत कोरोना महामारी से

राज्य स्वास्थ्य विभाग हर दिन कोरोना बुलेटिन जारी करता है जिसमें नए संक्रमितों की संख्या के साथ-साथ प्रदेश के हर जिले में हुई मौतों का भी विवरण होता है।  अगर हम कोविड 19 से हुई मौतों को मरीजों की हो रही देखभाल का आधार माने तो इस लिहाज से हमारे गाज़ियाबाद की स्वास्थ्य सेवाएँ शायद पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ है और यहाँ का हर कोविड संक्रमित ठीक होकर ही घर वापस जा रहा है क्योंकि सरकारी रेकॉर्ड में यहाँ पिछले कई दिनों से कोविड 19 संक्रमण से एक भी मौत नहीं हुई है।
गाज़ियाबाद के सीएमओ डॉ. एन.के गुप्ता का कहना है कि मरने वाला हर व्यक्ति किसी अन्य बीमारी से पीड़ित था और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है, उसे कोरोना से हुई मौत नहीं मान सकते हैं। यह जांच कब पूरी होगी, इसका जवाब उनके पास भी नहीं है।

गाज़ियाबाद में सोमवार को कोरोना के 70 नए संक्रमितों की पहचान हुई है। पिछले 15 दिनों में ऐसा पहली बार हुआ है जब नए संक्रमितों की संख्या 100 से नीचे आई हो।  जिले में अब सक्रिय संक्रमितों की संख्या 1,306 रह गई है।  पिछले 24 घंटों के दौरान जिले में कोविड 19 के दो मरीजों की मृत्यु हुई है। मरने वालों में से एक नंदग्राम के 62 वर्षीय बुजुर्ग तथा इंदरगढ़ी में रहने वाले एक अन्य बुजुर्ग थे। दोनों ही मौतों को प्रशासन ने अपने रेकॉर्ड में शामिल नहीं  किया है।
नए संक्रमितों को राजेंद्र नगर, दिव्य ज्योति मोदीनगर और संयुक्त अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ संक्रमितों को संतोष अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है। करीब 18 लोग पहले से ही निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। इनके संपर्क में आने वालों की सूची बनाते हुए होम क्वारंटाइन और जांच की तैयारी की जा रही है।

कोरोना संक्रमितों की टेस्टिंग से लेकर मौत तक के बीच प्रशासनिक आंकड़ेबाजी का खेल जारी है। जिला स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि संक्रमितों की बढ़ती संख्या का कारण एंटीजन टेस्ट हैं जबकि सीएमओ यह नहीं बता रहे हैं कि हर दिन कुल कितने टेस्ट हुए हैं।  केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी कोविड 19 गाइडलाइंस के मुताबिक जिला प्रशासन को जिले के कंटेनमेंट ज़ोन की सूची हर दिन जिले की वेबसाइट पर प्रकाशित करनी होती है। लेकिन आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि गाज़ियाबाद जिला प्रशासन ने फरवरी के अंत से लेकर आज तक जिले के कंटेनमेंट क्षेत्रों की सूची प्रकाशित नहीं की है।  

शायद इसी सुव्यवस्था की आशा में गाज़ियाबाद की जनता ने जिले की हर विधानसभा सीट से भाजपा को जिताया था। जिले के सभी कद्दावर नेता भी जिले की स्वास्थ्य और प्रशासनिक सेवाओं से संतुष्ट ही नज़र आते हैं वरना ऐसा कैसे संभव हो सकता है कि राज्य स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में ही कोविड मैनेजमेंट में इतनी लापरवाही नज़र आती है। मुद्दा विहीन विपक्षी दलों को भी कोरोना पीड़ितों में अपना वोट बैंक नज़र नहीं आ रहा है। शायद इसी लिए पेट्रोल की बढ़ती कीमतों में आई शिथिलता के बाद विपक्षियों को भी धरना-प्रदर्शन के लिए कोई मुद्दा नज़र नहीं आ रहा है।

इस बीच अच्छी बात यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कोविड 10 के बिना लक्षण वाले मरीजों को आइसोलेशन की अवधि घर पर ही बिताने की अनुमति दे दी है। दरअसल एंटीजन टेस्ट के बाद बहुत से ऐसे मरीज भी पकड़ में आ रहे थे जिनमें अभी तक कोरोना के कोई लक्षण नज़र नहीं आए हैं।  इसके लिए गाज़ियाबाद की जनता और आरडबल्यूए बधाई की पात्र हैं जो होम आइसोलेशन की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर आंदोलन चला रहे थे।

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